Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Sunday, December 11, 2011

इक तर्क-ए-वफ़ा में उसे किस तरह भुला दूँ,
मुझ पर अभी उस शख्स के अहसान बहुत हैं,

भर आयें ना आंखें तो मैं दिल की बात बता दूँ,
अब तुझ से बिछड़ जाने का आघात बहुत है..!



तस्वीर

कल रात ख्वाब में तुम्हारी तस्वीर बना डाली,
वह इतनी अच्छी लगी कि सीने से लगा डाली !

जब हुआ खौफ कि तुम्हें कोई चुरा ना ले कभी,
तब इतना रोये के अपने आंसुओं से मिटा डाली !




ज़िन्दगी


जिन राहों पर इक उमर तेरे साथ गुजारीं,
कुछ रोज़ से वह राहें भी सुनसान बहुत हैं,

मिल जाओ कभी लौट के फिर ना आओ,
कमज़ोर हूँ मैं इस राह में तूफ़ान बहुत हैं,

इक तुम ही नहीं मेरी जुदाई से यूं परेशान,
ये ज़िन्दगी भी तेरी याद में वीरान बहुत हैं !


Tuesday, October 18, 2011

जला दो मुझको


फिर कहीं दूर से इक बार सदा दो मुझको,
मेरी तन्हाई का अहसास दिला दो मुझको.

तुम तो चाँद हो तुम्हे मेरी ज़रुरत क्या है,
मैं दिया हूँ किसी चौखट पे जला दो मुझको !


Thursday, July 7, 2011

**गरीबों का घर लूटने वाले**


गरीबों का घर लूटने वाले कभी अमीर नहीं होते,
निर्दोष निहत्थों पर वार करने वाले वीर नहीं होते,

जो सदियों से होता आया है मैं तो वही बात कहता हूँ
बुजुर्गों की दुआएँ बटोरने वाले कभी फकीर नही होते !

~~मोहिनी मुस्कान~~


मोहिनी मुस्कान

*****
जीवन की पहली भाषा,
ख़ुशी का पहला संकेत,
मित्रता का पहला सन्देश,
ये मुस्कान ही तो है!

एक अचूक हथियार,
मीठी सी कटार,
मित्रता का आधार,
ये मुस्कान ही तो है!

कर देती कई घायल,
बना देती है कायल,
भुला देती है विरोध,
ये मुस्कान ही तो है!

प्यार की परिभाषा,
दिलों की अभिलाषा,
युवाओं की उमंग,
सौंदर्य की पहचान,

ये मुस्कान ही तो है !

Wednesday, June 1, 2011

~~ बुराइयों का अंत~~


नेता अभिनेता, ज्ञानी ध्यानी, महंत मौलवी, पंथ और संत,
अब क्यूं नहीं करते समर्पित भाव से इन बुराइयों का अंत !

Wednesday, April 27, 2011

~~भटकी राहें~~


हाल दिल का उनसे हम कह नहीं सकते,
तड़प इतनी कि उनके बिना रह नहीं सकते,

दिल मांगे प्यार जुबां कहती है आँखों से,
वो दर्द बयान जो हम अब सह नहीं सकते,

आरजू ऐसी जो कभी भी दम तोड़ दे,
मोहब्बत के दरिया फिर बह नहीं सकते,

गिरफ्फ्त में है जान सीने में रुकी आहें,
घुटन भी ऐसी कि अब सांस ले नहीं सकते,

एक ही थी अपनी मंजिल जिसे हम गवां बैठे,
भटकी राहों में अब हम ऐसे जी नहीं सकते..!

****अपने पराये****


चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी,
वरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते,

"प्रियराज" यह मुक़द्दर ग़म से बेगाना अगर होता,
तो फिर अपने पराये हम से पहचाने कहाँ जाते !

Tuesday, April 12, 2011

दोस्त.........!


गम के सागर में दोस्त कभी डूब ना जाना,
राहों पर चल के मंजिल पाओ तो टूट ना जाना,

ज़िन्दगी में अगर दोस्त की कमी महसूस हो,
जिंदा हैं हम आपके लिए यह भूल ना जाना !

Saturday, April 9, 2011

~~मैं भी इन्सान था~~


रात को जब निकला तो रास्ता बड़ा वीरान था,
एक तरफ आबादी थी एक तरफ कब्रिस्तान था,

हर वीरान कब्र से गूंजता यही एक बयान था,
देख के चल मुसाफिर कभी मैं भी इन्सान था..!

Saturday, January 1, 2011

***सपने***

अपने सारे सपने तोड़ कर बैठे हें,
दिल का अरमान छोड़ कर बैठे है,
***
अब ना कीजिये हमसे वफ़ा की बातें,
अभी तो दिल के टुकड़े जोड़ कर बैठे हें..!

~~अरमान~~

कियूं मेरी हर सांस पर मजबूरियों के ताले हें,
तुम्हारी हर निगाह ने गमगीन स्वप्न पाले हें,
सुबह होने की अब मुझे कोई तम्मना नहीं,
मैंने ज़िन्दगी के अरमान अंधेरों को बेच डाले हें..!
"दिलों को जीतने का शौक"
के सभी साथियों को
नव वर्ष 2011
पर हार्दिक बधाई