वो सारे इल्जाम हम पर लगा के चली गयी,
मरने से पहले मौत का एहसास दे के चली गयी,
हम भी उनके लिए ही मुस्कुराते रहे,
वो भी गम अपनी आँखों में छुपा के चली गयी,
अपना समझ के उनके सारे गम भी उठाते रहे,
वो खुशियों में मुस्कुराने का भी एहसान जता के चली गयी,
मेरे मरने तक इंतज़ार उनके लिए मुश्किल था शायद,
तभी तो वो हमको जिंदा ही दफना के चली गयी......!