मिलने आ एक बार चाहे मुझे बदनाम करदे,
यह चर्चा बेशक इस शहर में सारेआम करदे,
कुछ इस तरह से तू मुझे रुला के जा फिर से,
मेरी आँखों के हर आंसू को चाहे नीलाम करदे !
यह चर्चा बेशक इस शहर में सारेआम करदे,
कुछ इस तरह से तू मुझे रुला के जा फिर से,
मेरी आँखों के हर आंसू को चाहे नीलाम करदे !
2 comments:
bahut hi pyaari panktiyaan hai
अवन्ती सिंह जी,
हौसला अफजाई का शुक्रिया !
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