दर्द भरी ज़िन्दगी का सुराग ढूँढता हूँ,
अँधेरा बहुत है एक चिराग ढूँढता हूँ,
बनाया था तमाशा ज़िन्दगी का इस तरह,
कि उन मेहरबानों में इलाज ढूँढता हूँ,
कोई अंधेरों में मेरे दिल का चिराग जला दे,
मैं अपने बदनसीबी का राज़ ढूँढता हूँ,
हसरत का आइना पत्थर दिल ने तोड़ दिया,
शीशों के उन टुकडों में अपना आज ढूँढता हूँ,
माजी के तल्क लम्हों ने मुझे झुलसा दिया,
दिल को बहलाने का हसीन खवाब ढूँढता हूँ !
अँधेरा बहुत है एक चिराग ढूँढता हूँ,
बनाया था तमाशा ज़िन्दगी का इस तरह,
कि उन मेहरबानों में इलाज ढूँढता हूँ,
कोई अंधेरों में मेरे दिल का चिराग जला दे,
मैं अपने बदनसीबी का राज़ ढूँढता हूँ,
हसरत का आइना पत्थर दिल ने तोड़ दिया,
शीशों के उन टुकडों में अपना आज ढूँढता हूँ,
माजी के तल्क लम्हों ने मुझे झुलसा दिया,
दिल को बहलाने का हसीन खवाब ढूँढता हूँ !
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