कठिन सफ़र है मुहब्बतों का खराब रास्ते हैं सोच लेना,
छोड़ जाते हैं उस मुकाम पर जो साथ चलते हैं सोच लेना,
वह एक बस्ती जहां हम तुम मिले थे मिल के बिछड़े थे,
वहां अब भी मेरी वफाओं के चिराग जलते हैं सोच लेना !
छोड़ जाते हैं उस मुकाम पर जो साथ चलते हैं सोच लेना,
वह एक बस्ती जहां हम तुम मिले थे मिल के बिछड़े थे,
वहां अब भी मेरी वफाओं के चिराग जलते हैं सोच लेना !
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