"Falak Ko Zidd Hai Jahan Bijliyaan Giraane Ki............. Hume Bhi Zidd Hai, Wahin Pe Aashiyaan Banane Ki........" तुम्हें जब मिले कभी फ़ुर्सत मेरे दिल से बोझ उतार दो,
मै बहुत दिनों से उदास हूं मुझे भी कोई शाम उधार दो....!
Dilon ko jeetne ka shauk
Monday, February 13, 2012
कुदरत
काश ! कि कहीं कुदरत का यह निजाम हुआ करे, उन्हें देखने के सिवा ना मुझे कोई काम हुआ करे !
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