मेरी आँखों के समंदर में जलन कैसी है,
दोस्तों के दिल तडपाने की लगन कैसी है,
अब किसी चाहत पे चरागों की कतारें नहीं,
फिर उन शहर की गलियों में घुटन कैसी है !
दोस्तों के दिल तडपाने की लगन कैसी है,
अब किसी चाहत पे चरागों की कतारें नहीं,
फिर उन शहर की गलियों में घुटन कैसी है !
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