Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Sunday, January 22, 2012

बदनसीबी***



फरेब था आँखों में आशिकी समझ बैठे,
मौत को ही अपनी ज़िन्दगी समझ बैठे,

वक़्त का मजाक था या बदनसीबी हमारी,
उनकी दो बातों को हम चाहत समझ बैठे !

Thursday, January 19, 2012

आंसू



मिलने आ एक बार चाहे मुझे बदनाम करदे,
यह चर्चा बेशक इस शहर में सारेआम करदे,

कुछ इस तरह से तू मुझे रुला के जा फिर से,
मेरी आँखों के हर आंसू को चाहे नीलाम करदे !

वक़्त



जब भी कोशिश की हमने जख्मों को भरने की,
वक़्त ने तब कुरेद कर दर्द को और बढा दिया,

बहुत चाहा हमने एक नई दुनियां बसाने की,
बहारों ने खुशियों को पास आने ही ना दिया !

धोखा दे जाते हैं



यह देखा हमने आज खुद पर आजमा कर,
धोखा दे जाते हैं लोग दिल के करीब आकर,

कहती है दुनियां पर यह मन नहीं मानता,
छोड़ जाओगे तुम भी हमें अपना बना कर !

निकाह




एक दोस्त ने कहा तू शादी किससे करेगा,
मैंने उससे कहा मैं शादी शुदा हूँ,
कहने लगा कौन है तेरा जीवन साथी,
मैंने कहा यादें हैं किसी की,
उसने पूछ किसने पढाया था निकाह,

मैंने कहा मुस्तक़बिल के खवाबों ने,
वो बोला कैसी गुज़र रही है ज़िन्दगी,
बोलने वाला था पर आंसू छलक पड़े,
वो बोला फिर उसे छोड़ क्यूं नहीं देता,
मैंने कहा हक-मेहर में मेरी ज़िन्दगी लिखी है !

मेरी हूर




तू मेरी हूर होती मैं भी होता तेरा खुदा,
जो मेरा पैमाना तू ना तोडती हर शाम,

मेरे हाथ दुआ को उठ भी नहीं पाए कि,
खुद हाथ मेरे वो जाम आ गया हर शाम,

तेरे वास्ते हम भी ताजमहल बनवा देते,
गर मेरे मज़ार पे आ गयी होती हर शाम !

दर्द भरी ज़िन्दगी



दर्द भरी ज़िन्दगी का सुराग ढूँढता हूँ,
अँधेरा बहुत है एक चिराग ढूँढता हूँ,

बनाया था तमाशा ज़िन्दगी का इस तरह,
कि उन मेहरबानों में इलाज ढूँढता हूँ,

कोई अंधेरों में मेरे दिल का चिराग जला दे,
मैं अपने बदनसीबी का राज़ ढूँढता हूँ,

हसरत का आइना पत्थर दिल ने तोड़ दिया,
शीशों के उन टुकडों में अपना आज ढूँढता हूँ,

माजी के तल्क लम्हों ने मुझे झुलसा दिया,
दिल को बहलाने का हसीन खवाब ढूँढता हूँ !