Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Sunday, October 6, 2013

आवाज


सोलह दरिया पार की तब तेरा शहर मिला,
तूमने सुनी थी जो सदा मैं वही आवाज़ हूं,

आग में सुरुर है और मेरा दर्द भी मजबूर,
जल रही हूं शौक से मैं हिज्र की मेहताब हूं।

Saturday, September 14, 2013

झोंका हवा का !


बिखरते टूटते लम्हों को अपना समसफ़र जाना, 
इस राह में था आख़िर हमें ख़ुद भी बिखर जाना, 

हवा के कंधे पर बादल के टुकड़े की तरह हम हैं, 
किसी झोंके से पूछेंगे कि है हमको किधर जाना।