जब जनाज़ा उठाया जायेगा मेरा उदासी का मंज़र होगा,
कब्र ही मेरी मंज़िल होगी और कब्र ही मेरा घर होगा,
फिर डाल देंगे कब्र में मुझे और मिट्टी में सुला देंगे,
ऐसे होंगे मेरे चाहने वाले मेरे आखरी वक़्त में ये सिला देंगे,
सब रिश्ते दुनियां तक के ही हैं कोई साथ निभाता नहीं,
भूल जाते हैं कुछ ही दिनों में कोई मिलने आता नहीं........
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