आइना हूं मैं मेरे सामने आ कर तो देखो,
खुद ही नज़र आओगी जो आंख मिला कर देखो।
मेरे ग़म में मेरी तकदीर नज़र आती है,
डगमगा जाओगी मेरा दर्द उठा कर तो देखो।
यूं तो आसान नज़र आता है मन्ज़िल का सफ़र,
कितनी मुश्किल है मेरी राह इसमें जाकर देखो।
बज़्म का मेरी चरगाहं है नज़र का धोखा,
किन अंधेरों में भटकता हूं मैं आकर तो देखो।
दिल तुम्हारा है मैं ये ज़ान भी दे दूं तुम पर,
बस मेरा साथ जरा दिल से निभा कर तो देखो।
मौत पर हक़ है मगर तुम से वादा है मेरा,
लौट आउंगा कब्रसे एक बार बुला कर तो देखो।
1 comment:
bahut khub sir specially last line
लौट आउंगा कब्रसे एक बार बुला कर तो देखो।
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