Dilon Ko......Jeetne Ka.......Shauk
"Falak Ko Zidd Hai Jahan Bijliyaan Giraane Ki............. Hume Bhi Zidd Hai, Wahin Pe Aashiyaan Banane Ki........" तुम्हें जब मिले कभी फ़ुर्सत मेरे दिल से बोझ उतार दो, मै बहुत दिनों से उदास हूं मुझे भी कोई शाम उधार दो....!
Sunday, October 6, 2013
Saturday, September 14, 2013
Tuesday, April 17, 2012
धरती का गम
धरती का गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल का गम छुपाने के लिए बदन होता है,
मर कर भी कैसे छुपाओगे क़र्ज़ जिंदगी के,
इसी लिए हर लाश पर एक कफ़न होता है !
दिल का गम छुपाने के लिए बदन होता है,
मर कर भी कैसे छुपाओगे क़र्ज़ जिंदगी के,
इसी लिए हर लाश पर एक कफ़न होता है !
बिजलियाँ***
ख्वाब तो हमने भी देखा था आशियाने का,
वर्ना शौक हमको भी नहीं था इस वीराने का,
बसे बसाए नशेमन पर गिरेंगी ये बिजलियाँ,
दस्तूर ये मालूम नहीं था ज़ालिम ज़माने का !
वर्ना शौक हमको भी नहीं था इस वीराने का,
बसे बसाए नशेमन पर गिरेंगी ये बिजलियाँ,
दस्तूर ये मालूम नहीं था ज़ालिम ज़माने का !
"दो पल जिंदगी के"
किस हद तक जाना है यह कौन जानता है,
कैसे मंजिल को पाना है यह कौन जानता है,
दोस्ती के दो पल जिंदगी में प्यार से जी लो,
किस रोज़ बिछड़ जायेंगे यह कौन जानता है !
किस रोज़ बिछड़ जायेंगे यह कौन जानता है !
तुम्हारा दीदार
हर शाम हम तुम्हारा इज़हार करते रहे,
हर ख्वाब में तुम्हारा दीदार भी करते रहे,
हर ख्वाब में तुम्हारा दीदार भी करते रहे,
दीवाने को तुम इस तरह छोड़ के चल दिए,
हर वक़्त हम मिलने का इंतज़ार करते रहे !
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