जैसे तुमने वफ़ा की ख़ास कोई गुफ्तगू ना की,
और मैंने भी दिल की बात तुम्हारे रूबरू ना की,
और मैंने भी दिल की बात तुम्हारे रूबरू ना की,
बेसब्री से तुम भी तमाम उम्र ढूंढती रही मुझको,
मैंने भी तुम्हारे जाने के बाद कोई जुस्तुजू ना की !
मैंने भी तुम्हारे जाने के बाद कोई जुस्तुजू ना की !
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