Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Thursday, August 12, 2010

~~सावन का महिना~


यह सावन भी दिल की तपती ज़मीन,
को 'प्यार' की फुहार ना दे सका,

बरसों से इस रेगिस्तान की ज़मीन,
पर थोड़ी प्रेम की ठंडक भी ना दे सका,

अँखियाँ अब भी ना थकी उसकी आस में,
राहत की जो एक झलक भी ना दे सका,

यह कैसी हरियाली है सावन की हर तरफ,
हमें एक बूँद ओस की भी ना दे सका.!

11 comments:

सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼ said...

Haal-e-dil!
Behad Umda!

شہروز said...

राहत की जो एक झलक भी ना दे सका !
अच्चा अंदाज़ है,
आज़ादी की वर्षगांठ एक दर्द और गांठ का भी स्मरण कराती है ..आयें अवश्य पढ़ें
विभाजन की ६३ वीं बरसी पर आर्तनाद :कलश से यूँ गुज़रकर जब अज़ान हैं पुकारती
http://hamzabaan.blogspot.com/2010/08/blog-post_12.html

Sunil Kumar said...

यह दुनिया उम्मीद पर कायम है भरोसा रखिये जब वह सावन केवल आपके किये आएगा अच्छी रचना बधाई

कडुवासच said...

...behatreen !!!

ब्रह्माण्ड said...

सावन के इस रूप की बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति

Raj said...

सर्वश्री आशीष, शहरोज़, सुनील, उदय और ब्रम्हांड जी,आपका शुक्रिया, ऐसे ही नाचीज़ का होसला अफजाई करते रहिएगा !

Unknown said...

bahut khoobsoorat apki is rachna ke liye mere paas alfaj nahi hai

Raj said...

बहुत शुक्रिया ब्रजेश जी !

a k mishra said...

Bahut Hi achhi rachana hai.......Dil ko chho gaya
Sharma ji.....

webmaster said...

nice Shayari


http://bihar.infozones.in

Raj said...

Thanks Dear Mishra ji & Gunjan Kumar ji !!