Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Monday, August 25, 2008

*********यादों के फूल*********



आओ यादों के फूल सजा ले हम,
कभी तुम याद आओ हमें कभी याद तुम्हे आए हम,

दिल की चौखट पर घावों ने किए हैं बसेरे,
कभी सहलाओं तुम कभी मरहम लगाए हम,

यूँ न मिलना हम से जैसे मिलते हों किसी अजनबी से,
कभी लगाना गले हमको कभी पहनाना हार बाहों के,

मेरे दिल पर आज भी हैं यादें उन मुलाकातों की,
कभी आना तेरा दहलीज पर मेरी कभी परदों से,

सनम न कटे अब इन्जेज़ार की यह घडियां,
यादों के फूलों से कैसे ज़िन्दगी गुजारे हम....

5 comments:

शोभा said...

सनम न कटे अब इन्जेज़ार की यह घडियां,


यादों के फूलों से कैसे ज़िन्दगी गुजारे हम....

सुन्दर लिखा है।

संगीता पुरी said...

आओ यादों के फूल सजा ले हम,


कभी तुम याद आओ हमें कभी याद तुम्हे आए हम, बहुत अच्छा लिखा है।

Raj said...

मेरे पास ऐसे अल्फ़ाज़ नहीं,
जिनसे "शोभा जी" और "संगीता जी"
आपका शुक्रिया अदा कर सकूं।
पर ऐसा ही आशिर्वाद बनाये रखियेग।

Raj said...

मैं छुप छुप के अपने लिये किताबें लिखा करता था,
आज मैं अपनी ही किताब में तन्हा रह गया हूं,

कभी उनकी मुश्किलों में हम साथ हुआ करते थे,
आज मैं अपनी उल्झनों में तन्हा रह गया हूं,

कहने को तो मेरे साथ हैं वो पर मुझको यकीन नहीं,
तरसते हैं जिस प्यार को लोग हमने खो दिया कहीं,

कसम है तुम्हे मेरी तुम कभी यहां लौट के ना आना,
जो मेरी थी ही नहीं उन के बगैर मैं तन्हा रह गया हूं..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

दिल की चौखट पर घावों ने किए हैं बसेरे,


कभी सहलाओं तुम कभी मरहम लगाए हम,

bahut sundar . ye yaadon ke phool bahut khoobsurat hain