"Falak Ko Zidd Hai Jahan Bijliyaan Giraane Ki............. Hume Bhi Zidd Hai, Wahin Pe Aashiyaan Banane Ki........" तुम्हें जब मिले कभी फ़ुर्सत मेरे दिल से बोझ उतार दो,
मै बहुत दिनों से उदास हूं मुझे भी कोई शाम उधार दो....!
Dilon ko jeetne ka shauk
Saturday, January 1, 2011
~~अरमान~~
कियूं मेरी हर सांस पर मजबूरियों के ताले हें,
तुम्हारी हर निगाह ने गमगीन स्वप्न पाले हें,
सुबह होने की अब मुझे कोई तम्मना नहीं,
मैंने ज़िन्दगी के अरमान अंधेरों को बेच डाले हें..!
3 comments:
waahhhhhhh kya baat hai maine jindgi ke armaan andhero me bach daale hai
वाह वाह - लाजवाब
शुक्रिया मित्र माधवी जी और कौशिक साहब !!
Post a Comment