तकदीर के हाथों में खिलौना है आदमी,
दुनिया है तमाशाई तमाशा है आदमी,
गम है किसी को मेरा ना तेरा मलाल है,
हर किसी को अपनी फ़िक्र है अपना ख्याल है,
इस पत्थरों की दुनिया में जीना मुहाल है,
आँखों में ख्वाब जब भी ख़ुशी के सजाए हें,
गम ही हर एक गरीब के हिस्से में आये हें,
ए दिल गिला ना कर यहाँ अपने ही पराये हें...!
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