Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Tuesday, April 17, 2012

धरती का गम


धरती का गम छुपाने के लिए गगन होता है,
दिल का गम छुपाने के लिए बदन होता है,

मर कर भी कैसे छुपाओगे क़र्ज़ जिंदगी के,
इसी लिए हर लाश पर एक कफ़न होता है !

बिजलियाँ***


ख्वाब तो हमने भी देखा था आशियाने का,
वर्ना शौक हमको भी नहीं था इस वीराने का,

बसे बसाए नशेमन पर गिरेंगी ये बिजलियाँ,
दस्तूर ये मालूम नहीं था ज़ालिम ज़माने का !

जैसे तुमने वफ़ा की ख़ास कोई गुफ्तगू ना की,
और मैंने भी दिल की बात तुम्हारे रूबरू ना की,

बेसब्री से तुम भी तमाम उम्र ढूंढती रही मुझको,
मैंने भी तुम्हारे जाने के बाद कोई जुस्तुजू ना की !

"दो पल जिंदगी के"


किस हद तक जाना है यह कौन जानता है,
कैसे मंजिल को पाना है यह कौन जानता है,

दोस्ती के दो पल जिंदगी में प्यार से जी लो,
किस रोज़ बिछड़ जायेंगे यह कौन जानता है !

तुम्हारा दीदार


हर शाम हम तुम्हारा इज़हार करते रहे,
हर ख्वाब में तुम्हारा दीदार भी करते रहे,

दीवाने को तुम इस तरह छोड़ के चल दिए,
हर वक़्त हम मिलने का इंतज़ार करते रहे !