Dilon ko jeetne ka shauk

Hindi Blog Tips

Sunday, October 26, 2008

यादगार "धनतेरस"



यही वह धनतेरस थी स्थान था स्काटलैंड (यूं के) 30-10-2005


जो कहा करते थे की कभी हम बेईमान नही होंगे,

उन्ही के ईमान को देखा आज हमने डगमगाते हुए,


जिन हाथों से उम्मीद थी फूल बरसाने की,

उन्ही हाथों को देखा आज पत्थर बरसाते हुए,


जिस वक़त पर नाज़ हुआ करता था कभी मुझे,

उसी वक़त को देखा रेत सा हाथों से निकल जाते हुए,


जिसने कहा था कि ये साथ नही छूटेगा अपना कभी,

उसी को देखा आज अपना दामन मुझसे छुडाते हुए,


{प्यार} की इन वफाओं का क्या सिला चुका पाओगी तुम,

जिसे देखा बेवफा बन के उस "खुदा" के घर जाते हुए........"प्रियराज"